तो दोस्तों आज का मेरा पोस्ट है, Server kya hai दोस्तो आज के युग में कम्प्यूटर से सबकुछ होने वाला है। बिना कम्प्यूटर नेटवर्क के आप का सारा काम असम्भव है। कम्प्यूटर नेटवर्क से हमारा तात्पर्य आस – पास या दूर रखे हुए कम्प्यूटरों को इस प्रकार जोड़ने से है कि उनमें से प्रत्येक कम्प्यूटर, किसी दूसरे कम्प्यूटर के साथ स्वतन्त्र रूप से सम्पर्क बनाकर सूचनाओं या सन्देशों का आदान- प्रदान कर सके और एक – दूसरे के साधनों तथा सुविधाओं का साझा कर सके।
कम्प्यूटर नेटवर्क, एक – से – अधिक कम्प्यूटर को संचार माध्यम द्वारा इस प्रकार जोड़ते हैं कि वे अपना सन्देश दूसरों को भेज सकें तथा उनसे प्राप्त भी कर सकें। निम्न चित्र में एक सामान्य कम्प्यूटर नेटवर्क की कार्य प्रणाली दर्शायी गई है।
कम्प्यूटर नेटवर्क कितने प्रकार के होते है- Server kya hai
कम्प्यूटर नेटवर्क में जुड़े हुए कम्प्यूटरों की विशेषता के आधार पर, इन्हें दो रूपों में विभाजित किया जा सकता है
1.सजातीय नेटवर्क ( Homogeneous network ) Server kya hai
सजातीय नेटवर्क समान कॉन्फिगरेशन तथा प्रोटोकॉल वाले कम्प्यूटरों से मिलकर बना होता है। उदाहरण के लिए , लैन एक प्रकार का सजातीय नेटवर्क है।
2. विजातीय नेटवर्क ( Heterogeneous network ) Server kya hai
विजातीय नेटवर्क भिन्न – भिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम तथा प्रोटोकॉल वाले कम्प्यूटरों से मिलकर बना होता है। उदाहरण के लिए, वैन एक प्रकार का विजातीय नेटवर्क है।
नेटवर्किग के लाभ (Server kya hai)
नेटवर्किंग के लाभ निम्नलिखित हैं
(क) संसाधनों का साझा करना ( Sharing of resources )
नेटवर्क के किसी भी कम्प्यूटर से जुड़े हुए संसाधन का उपयोग नेटवर्क के अन्य कम्प्यूटरों पर कार्य करते हुए कर सकते है।
उदाहरण यदि किसी कम्प्यूटर के साथ लेजर प्रिण्टर के द्वारा कोई भी डा़टा प्रिण्ट किया जा सकता है।
(ख) डाटा का तीव्र सम्प्रेषण ( Speedy transmission of data )
कम्प्यूटरों के नेटवर्किंग से दो कम्प्यूटरों के मध्य डाटा का आदान – प्रदान तीव्र तथा सुरक्षित रूप से होता है। इससे कार्य की गति तीव्र होती है और समय की बचत होती है।
(ग) विश्वसनीयता ( Reliability )
नेटवर्किंग में किसी फाइल की दो – या – दो से अधिक कॉपियाँ अलग – अलग कम्प्यूटरों पर स्टोर की जा सकती है। यदि किसी किसी कारणवश एक कम्प्यूटर खराब या असफल हो जाता है, तो वह डाटा दूसरे कम्प्यूटरों से प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रकार नेटवर्क के कम्प्यूटर एक – दूसरे के लिए बैकअप का कार्य भी कर सकते है, जिससे उनकी विश्वसनीयता बढ़ती है।
नेटवर्क के प्रमुख अनुप्रयोग
नेटवर्क की प्रमुख आवश्यकताएँ एवं अनुप्रयोग निम्न हैं
- (क) ई – मेल ( E – mail ) – ई – मेल के द्वारा के द्वारा कम्प्यूनिकेशन बहुत सरल हो जाता है। यदि एक संस्थान के सभी कम्प्यूटर्स, नेटवर्क से जुड़े हों, तो सभी यूजर्स ई – मेल के माध्यम से कम्प्यूनिकेट कर सकते हैं।
- (ख) बैंकिग ( Banking ) बैकिंग में भी नेटवर्क की बहुत आवश्यकता है। यूजर ATM की सहायता से देश के किसी भी कोने से अपने बैंक एकाउण्ट से पैसे निकाल सकता है।
- (ग) दूर स्थित डाटाबेसों को एक्सेस करना – यूजर कम्प्यूटर नेटवर्क के माध्यम से नेटवर्क में जुड़े किसी भी कम्प्यूटर पर उपलब्ध डाटाबेस को एक्सेस कर सकता है।
- (घ) गेम खेलना ( Playing game ) – विभिन्न भोगोलिक स्थानों पर स्थित यूजर्स नेटवर्क के द्वारा मल्टीयूजर गेमों में भाग ले सकते है।
- (ड.) आनलाइन ट्रेडिंग ( Online trading ) – नेटवर्क के माध्यम से कोई भी यूजर ऑनलाइन ट्रेडिंग कर सकता है अर्थात् कम्प्यूटर नेटवर्क के माध्यम से घर बैठे क्रय – विक्रय किया जा सकता है।
कम्प्यूटर नेटवर्क के अवयव
कोई कम्प्यूटर नेटवर्क विभिन्न तत्वों या अवयवों का समूह होता है। इनमें से कुछ प्रमुख अवयवों का परिचय निम्निलिखित है
सर्वर Server kya hai
यह नेटवर्क का सबसे प्रमुख अथवा केन्द्रीय कम्प्यूटर होता है। नेटवर्क के अन्य सभी कम्प्यूटर सर्वर से जुड़े होते है। सर्वर क्षमता और गति की दृष्टी से अन्य सभी कम्प्यूटरों से श्रेष्ठ होता है औऱ प्रायः नेटवर्क का अधिकांश अथवा समस्त डाटा सर्वर पर ही रखा जाता है। सर्वर कई प्रकार के हो सकते हैं
( क) फाइल सर्वर ( File server ) -[Server kya hai]
यह सर्वर किसी नेटवर्क की फाइलों को मैनेज करता है। ये फाइलें उस सर्वर से जुड़े हुए स्टोरेज मीडियम, जैसे हार्ड डिस्क में स्टोर की जाती हैं और किसी क्लाइण्ट को उसकी आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराई जाती है। सभी फाइलों को एक ही केन्द्रीय स्थान पर स्टोर करने के कारण डाटा सुरक्षित रहता है तथा बैकअप लेना सरल हो जाता है।
(ख) प्रिण्ट सर्वर ( Print server ) – [Server kya hai]
यह सर्वर कीसी नेटवर्क की फाइलो को नेटवर्क के किसी प्रिण्टर द्वारा प्रिण्ट कराने की व्यवस्था करता है। प्रिण्ट सर्वर पर जब कोई भी यूजर कार्य करता है, तो वह सर्वर की प्रिण्ट क्यू से जुड़ जाता है और फिर सर्वर प्रत्येक यूजर को क्रमानुसार प्रिण्टर उपलब्ध कराता है। प्रिण्ट सर्वर इस बात का भी ध्यान रखता है कि किस समय कौन – सा प्रिण्टर व्यस्त है और कौन – सा खाली ।
(ग) मेल सर्वर ( Mail server ) [Server kya hai]
यह सर्वर, नेटवर्क के विभिन्न नोडो के बीच इलेक्ट्रॉनिक संदेशों के आदान – प्रादान के लिए उत्तरदायी होता है। इसकी सहायता से कोई एक संदेश, नेटवर्क के सभी क्लाइण्टों को एक साथ भेजा जा सकता है, जिसे ब्रॉइकास्टिंग कहते है।
(घ) एप्लीकेशन सर्वर ( Application server ) [Server kya hai]
एप्लीकेशन सर्वर , जो क्लाइण्ट को एक निश्चित प्रोग्राम नेटवर्क पर चलाने की अनुमति देते हैं तथा बहुत से यूजर्स को नेटवर्क के अनुसार एप्लीकेशन का साझा करने का अधिकार देते है। एप्लीकेशन सर्वर के उदाहरण हैं- SAP BASIS, वेब लॉजिक, वेब स्फीयर आदि।
(ड.) डायरेक्ट्री सर्वर (Directory server )
[Server kya hai] डायरेक्ट्री सर्वर, यूजर्स के सेन्ट्रल एडमिनिस्ट्रेशन ( प्रशासन ) तथा स्त्रोतों को स्वीकार करता है। डायरेक्ट्री सर्वर के उदाहरण हैं- एक्टिव डायरेक्ट्री NDS , फैडोरा डायरेक्ट्री सर्वर, ओपन आदि।
नोड/क्लाइण्ट
सर्वर के अतिरिक्त नेटवर्क के अन्य सभी कम्प्यूटरों को नोड कहा जाता है। ये वे कम्प्यूटर होते है, जिन पर उपयोगकर्ता कार्य करते हैं। प्रत्येक नोड का एक निश्चित नाम और पहचान होती है। कई नोड अधिक शक्तिशाली होते है, ऐसे नोडों को प्रायः वर्कस्टोशन कहा जाता है। नोडों को प्रायः क्लाइण्ट कहा जाता है।
नेटवर्क केबल
नेटवर्क केबल जिन केबलों के द्वारा नेटवर्क के कम्प्यूटर्स आपस में जुड़े होते है, उन्हें नेटवर्क केबल कहा जाता है। सूचनाएँ, एक कम्प्यूटर से नेटवर्क के दूसरे कम्प्यूटर तक, केबलों से होकर ही जाती है। इनको प्रायः बस भी कहा जाता है।
नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम
यह ऐसा सॉफ्टवेयर है जो नेटवर्क के कम्प्यूटरों के मध्य सम्बन्ध निश्चित करता है और उनके मध्य सूचना के आवागमन को नियन्त्रित करता है। यह सॉफ्टवेयर सर्वर में लोड किया जाता है।
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नेटवर्क कार्ड
यह एक ऐसा सर्किट होता है जो नेटवर्क केबलों को कम्प्यूटरों से जोड़ता है। इन कार्डो की सहायता से डाटा का आवागम तीव्र होता है। ये काडर्स नेटवर्क से जुड़े प्रत्येक कम्प्यूटर के मदरबोर्ड में लगाए जाते है। िनको ईथरनेट कार्ड भी कहा जाता है।
तो आज का पोस्ट कैसा है कमेन्ट में जरुर बताइेगा।
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