What Is The Electronic Mail
What Is The Electronic Mail :- इण्टरनेट की सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली सेवा इलेक्ट्रॉनिक मेल (Electronic Mail) या संक्षेप में ई-मेल (E-Mail) हैं। इलेक्ट्रॉनिक मेल (Electronic Mail) एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक (Electronic Mail) सन्देश होता हैं, जो किसी नेटवर्क से जुड़े विभिन्न कम्प्यूटरों के मध्य भेजा और प्राप्त किया जाता हैं। ई-मेल का उपयोग व्यक्तियों या व्यक्तियों के समुहों के मध्य जो भौगोलिक रुप से हजारों मील दूर भी हो सकते हैं, लिखित सन्देश भेजने में किया जाता हैं। ई-मेलों को प्रोसेस करना और उचित क्लाइण्ट कम्प्यूटर को भेजना होता हैं। सामान्यता नेट सर्वर ही मेल सर्वर ही मेल का कार्य करते हैं।
Electronic Mail
वेब एड्रेस की भाँति ई-मेल एड्रेस भी होते है, जिस पर ई- मेल भेजा जा सकता हैं। ब्राउजर प्रोग्राम की भाँति ई-मेल भेजने और प्राप्त करने के लिए विशेष ई-मेल प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर होते हैं, जैसे माइक्रोसॉफ्ट आउटलुक तथा आउटलुक एक्सप्रेस। जब हम कोई ई- मेल भेजना चाहते है,तो हम प्राप्तकर्ता का ई-मेल एड्रेस उस प्रोग्राम की विण्डो में उचित स्थान पर टाइप करते हैं। जब हम “Send” बटन को क्लिक करते है, तो वह प्रोग्राम उस सन्देश को प्राप्तकर्ता के ई-मेल एड्रेस के साथ उस मेल सर्वर को भेज देता है, जिससे हमारा कम्प्यूटर जुड़ा हतो हैं।
मेल सर्वर उस ई-मेल एड्रेस सर्वरों पर खोजता हैंं और उसका पता चल जाने पर उस सन्देश प्राप्तकर्ता को मेल सर्वर को भेज देता हैं, जहाँ से वह सन्देश प्राप्तकर्त्ता को भेज दिया जाता हैं। यही प्रक्रिया तब उल्टे क्रम मे दोहराई जाती हैं, जब कोई उपयोगकर्त्ता हमें कोई-मेल भेजता हैं। यदि प्रेषक और प्राप्तकर्ता दोनों के कम्प्यूटर एक ही समय पर इण्टरनेट से जुढ़े हुए होते हैं, तो ई- मेल कुछ ही सेकेण्डो में भेजा और प्राप्त किया जा सकता हैं।
ई-मेल के लाभ Advantage Of E- mail
ई-मेल सेवा के कई लाभ है, जो निम्नलिखित हैं–
- ई-मेल के माध्यम से सन्देश के साथ- साथ उनकी दिनांक व समय को भी सुरक्षित करके रख सकते हैं।
- ई-मेल एड्रेस इण्टरनेट पर व्यक्तित की पहचान व वेबसाइटो पर पंजीकरण करने में अत्यन्त लाभप्रद हैं।
- ई-मेल द्वारा सन्देशों को व्यावहारिक पत्राचार की तुलना में बहुत तेज गति से संप्रेषित किया जाता हैं।
- ई-मेल द्वारा पत्रों/ सन्देशों के खोने की आशंका नगण्य होती हैं।
- ई-मेल को केवल वहीं यूजर पढ़, डाउनलोड व जवाब (Reply) दे सकता है जिसे वह भेजा गया हैं।
- पारम्परिक डाक सेवा के बदले ई-मेल का प्रयोग करने से कागज की भी बचत होती हैं व ई-मेल को कागजी दस्तावेजों की तुलना में सम्भालना बेहद सरल होता हैं।
- ई-मेल का प्रयोग वर्तमान में विज्ञापनों, बिजनेस प्रोमोशन इत्यादि भी किया जाता हैं।
ई-मेल की हानियाँ Disadvantages of E-mail
ई-मेल के लाभ होने के साथ- साथ उसकी कुछ हानियाँ भी हैं जो निम्नलिखित हैं.
- ई-मेल के पासवर्ड के लीक होने पर कोई भी अज्ञात व्यक्ति उसका प्रयोग कर सकता हैं।
- प्राप्त किए गए ई-मेल में वायरस हो सकते हैं, जो हानिकारक छोटे प्रोग्राम कर सकता हैं। वायरस प्रोग्राम ई-मेल से सम्बन्धित सभी सूचनाओं को चुराकर, अनुचित ई-मेल को अन्य ई-मेल एड्रेसो पर भेज सकता हैं।
- अनेक यूजर्स अन्य ई-मेल यूजर्स को अवाछित (Unwanted) ई-मेल भेजते हैं जिन्हे स्पैम (Spam) कहा जाता हैं।
- यूजर्स को Mailbox को समय समय पर मैनेज करना पडता हैं अन्यथा Mailbox फुल हो जाएगा व आगामी ई-मेल को प्राप्त नहीं किया जा सकेगा।
- ई-मेल का प्रयोग सरकारी व्यापार में नहीं किया जा सकता , क्योकिं यदि ई-मेल [(क्रिडेन्शियल (Credentials)] किसी अवैध यूजर को पता चल जाए तो वह उनका गलत प्रयोग कर सकता हैं।
Related Post :- What Is The Internet Connection
ई-मेल एड्रेस E-mail Address
ई-मेल भेजने और प्राप्त करने के लिए आपके पास ई-मेल एड्रेस होना चाहिए। ई-मेल एड्रेस किसी ई-मेल सर्वर पर ऐसा स्थान होता हैस जहाँ आपका ई-मेल स्टोर किया जाता हैं, इस स्थान को मेल बॉक्स (Mail Box) भी कहा जाता हैं। जब आप किसी इण्टरनेट सेवा प्रदाता (ISP) कम्पनी से इण्टरनेट कनेक्शन खरीदते है, तो व सामान्यतया आपके लिए एक मेल बॉक्स भी बना देता है औऱ उस मेल बॉक्स का एड्रेस आपको दे देता हैं, जिसे आपका ई-मेल एड्रेस कहा जाता हैं। ई-मेल एड्रेस सामान्यता निम्न रुप का होता हैं-
username@hostname
यहाँ ‘username’ आपके मेल बॉक्स का नाम है। यह सामान्यता आपके यूजरनेम के समान होता है, जिसके द्वारा आप अपने कम्प्यूटर को इण्टरनेट से जोड़ते हैं। ‘hostname’ या ‘ domain name’ मेल सर्वर का नाम होता हैं।
उदाहरण यदि आपने BSNL से इण्टरनेट कनेक्शन लिया है, तो आपका ई-मेल एड्रेस इस प्रकार का हो सकता हैं-
‘v_kumar@sancharnet.in’।
कुछ वेब पोर्टल आपको मुफ्त में मेल बॉक्स बनाने की सुविधा भी देते है। ऐसे कुछ वेब पोर्टलों के नाम है— www.yahoo.co, www,rediffmail.com, www.e-patra.com, www.jagram.com आदि। इनके अतिरिक्त कुछ वेब पोर्टल कुछ शुल्क लेकर आपको मेल बॉक्स की सुविधा देते हैं। इनमें से किसी भी वेब पोर्टल में मेल बॉक्स बनाने के लिए आपको अपने विषय में सूचनाएँ देते हुए एक ऑनलाइन फार्म भरना पड़ता है और अपने विषय में सूचनाएँ देते हुए एक ऑनलाइन फार्म भरना पड़ता हैं और अपने यूजरनेम तथा पासवर्ड की पसन्द भी बतानी होती हैं।
विवरण स्वीकृत होने पर वेब पोर्टल आपको वही यूजरनेम तथा पासवर्ड allocate कर देता हैं और आपका मेल बॉक्स अपने मेल सर्वर पर बना देता हैं। आप जो भई ई-मेल कही से भी प्राप्त करते हैं , वह आपके मेल बॉक्स में स्टोर कर दी जाती है, भले ही आप उसकी प्राप्ति के समय इण्टरनेट से जुड़े हों या नहीं। आप उस वेब पोर्टल के होमपेज पर जाकर अपने मेल बॉक्स को कभी भी खोल सकते हैं तथा आप उस वेब पोर्टल से ई-मेल भी भेज सकते हैं।