आज के पाेस्ट में Operating System Linux सिस्टम ( लाइनक्स ) का परिचय तथा सीएलआई एवं जीयूआई के बारें में विस्तार से जानकारी दिया गया है। आज आपको निम्न टापिक की जानकारी मिलेगी।
इस अध्याय में
- विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम
- लाइनक्स
- लाइनक्स का स्ट्रक्चर
- लाइनक्स शैल
- लाइनक्स में कार्य प्रारंभ करना
- लॉगआउट करना
- लाइनक्स सीएलआई एवं जीयूआई
- X विंडो सिस्टम
- विंडो मैनेजर्स
ऑपरेटिंग सिस्टम Operating System Linux कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण भाग है, जो अन्य सभी प्रोग्राम को कंप्यूटर में क्रियान्वित (Execute) करता है। कोई भी प्रोग्राम कंप्यूटर के संपर्क में आने से पहलेऑपरेटिंग सिस्टम के संपर्क में आता है। यह कंप्यूटर के साधनों के उपयोग पर नजर रखने और व्यवस्थित करने में हमारी सहायता करता है। वास्तव में, यह उपयोगकर्ता और कंप्यूटर के हार्डवेयर के मध्य इंटरफ़ेस का कार्य करता है।
ऑपरेटिंग सिस्टम ऐसे सॉफ्टवेयर प्रोग्राम का समूह है जो मानव, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर और कंप्यूटर हार्डवेयर के बीच संवाद (Conversation) स्थापित करता है। यह एक ऐसा प्रोग्राम है, जो कंप्यूटर के विभिन्न अंगों को निर्देश देता है कि किस प्रकार से प्रोसेसिंग का कार्य सफल होगा।
विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम Operating System
विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पूर्णतया ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम है, जो माइक्रोसॉफ्ट संस्था का उत्पाद है। सर्वप्रथम जीरोक्स कंपनी ने GUI पर आधारित Xerox Star नामक कंप्यूटर को विकसित किया था, परंतु GUI को लोकप्रिय बनाने में एप्पल कंप्यूटर के Macintosh (Mac) की आम भूमिका रही है।
Mac की इस सफलता से प्रभावित होकर माइक्रोसॉफ्ट कार्पोरेशन ने विंडोज को विकसित किया। 1980 के दशक में विंडो सर्वाधिक लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम बन गया था वह इसे आईबीएम (IBM) कंपनी द्वारा आधिकारिक रूप से स्वीकृत एवं उपयोग किया गया था। आजकल लगभग सभी आईबीएम तथा इसके पर्सनल कंप्यूटरों पर विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम उपलब्ध है।
आजकल बाजार में Windows XP, Vista, Window 7 तथा Windows 8 के अत्यधिक प्रचलित ऑपरेटिंग सिस्टम है।
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज का पूरा नाम है- “माइक्रोसॉफ्ट-वाइड इंटरएक्टिव नेटवर्क डेवलपमेंट फॉर ऑफिस वर्क सॉल्यूशन”। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज, पर्सनल कंप्यूटर के लिए माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित ऑपरेटिंग सिस्टम है। माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स तथा पॉल एलेन (Paul Allen) हैं। विश्व के लगभग 90% पर्सनल कंप्यूटर में माइक्रोसॉफ्ट विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम उपयोग हो रहा है। यह Graphical User Interface (GUI), मल्टी-टास्किंग, वर्चुअल मेमोरी की सुविधा प्रदान करता है।
लाइनक्स
यह एक ऑपरेटिंग सिस्टम है जो यूनिक्स का ही दूसरा रूप है। वर्ष 1964 में जनरल इलेक्ट्रिक (General Electric,GE), एटी एंड टी ( AT&T ) और कुछ शोधकर्ताओं ने बिल प्रयोगशाला में संयुक्त रूप से एक ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास किया। इसका नाम मल्टिस (MULTICS : Multiplexed Information and Computing ) रखा गया। बाद में वर्ष 1969 में केन थॉम्पसन ( Ken Thompson ) और डेनिस रिची ( Dennis Richie ) ने एटी एंड टी ( AT&T ) प्रयोगशाला के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर यूनिक्स (UNIX) ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास किया, जिसमें मल्टिक्स के बहुत से गुणो को सम्मिलित किया गया था।
लाइऩक्स वास्तव में यूनिक्स का ही प्रतिरूप है, जो स्वतंत्र रूप से विकसित किया गया है। लाइनक्स का प्रारंभ लीनस टॉरवॉल्ड्स ( Linus Torvalds ) नामक विद्यार्थी ने हेलसिंकी विश्वविद्यालय में एक प्रोजेक्ट के रूप में किया था। इसमें यूनिक्स ही नहीं अन्य सभी ऑपरेटिंग सिस्टम के अधिकांश विशेषताएं सम्मिलित हैं। उसने उनका पहला संस्करण 0.11, वर्ष 1991 में रिलीज किया था। इस संस्करण को इंटरनेट के माध्यम से लोगों में बांटा गया था। आजकल अनेक कंपनियां लाइनक्स को विभिन्न नाम से वितरित कर रही है। इसमें रैड हैट सबसे अधिक प्रचलित और लोकप्रिय है।
लाइनक्स में इंटरनेट से संबंधित प्रयाः सभी सुविधाएं उपलब्ध है। लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का पूरा सोर्स कोड इंटरनेट पर उपलब्ध है और कोई भी व्यक्ति उसमें सुधार (Modify) भी कर सकता है। लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में चलने वाले प्रायः सभी प्रकार के सॉफ्टवेयर भी आजकल सरलता से उपलब्ध है; जैसे- वर्ड प्रोसेसर, स्प्रैडशीट, प्रेजेंटेशन, डेस्कटॉप पब्लिशिंग, इमेज प्रोसेसिंग, ड्राइंग आदि।
लाइनक्स की विशेषताएँ
लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में अनेक विशेषताएं हैं, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्न प्रकार हैं-
- यह एक मल्टी यूजर (Multi User) ऑपरेटिंग सिस्टम हैं। इसमें एक ही समय पर एक-से-अधिक उपयोगकर्ता स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकते हैं और अपने-अपने प्रोग्राम एग्जीक्यूट कर सकते हैं।
- लाइनक्स फाइलों को सुरक्षा भी प्रदान करता हैं। यह अपने से जुड़े प्रत्येक उपयोगकर्ता को एक अलग फाइल सेट हुआ डायरेक्टरी से जोड़ देता है। इस प्रकार कोई उपयोगकर्ता केवल अपनी डायरेक्टरी में उपलब्ध सूचनाओं को ही पढ़ सकता है, हटा सकता है, एडिट कर सकता है और जोड़ सकता है।
- लाइनक्स एक मल्टी-प्रोग्रामिंग (Multi-programming) ऑपरेटिंग सिस्टम भी है। लाइनक्स में मल्टीप्रोग्रामिंग सुविधा टाइम शेयरिंग (time sharing) द्वारा उपलब्ध कराई गई है।
- लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रमुख भाग कर्नेल (Kernel) होता है जो एप्लीकेशन क्रेशों से पूर्ण रूप से सुरक्षित (Crash proof) है। एप्लीकेशन क्रैश (Crash) हो जाने के बाद भी कर्नेल कार्य करता रहता है।
- लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम वायरस के आक्रमणों से पूर्ण रूप से सुरक्षित है।
- लाइनक्स भी विंडोज की भाँति ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) पर कार्य करता है। इसकी विंडो को X-विंडोज कहा जाता है विंडो की भाँति इसमें भी डेस्कटॉप, आईकॉन, मेनू, फ्रेम आदि समाज सुविधा होती हैं।
- लाइनक्स में डॉस आधारित प्रोग्राम को भी चलाया जा सकता है। इसके लिए डॉस एम्युलेटर (DOS Emulator) या DOSEMV नामक प्रोग्राम का उपयोग किया जाता है।
- लाइनक्स में अपाचे (Apache) वेब सर्वर प्रोग्राम भी उपलब्ध है, जिसमें वेबपेजो को तैयार तथा व्यवस्थित किया जाता है।
- यह 32-बिट (bit) वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है।
- लाइनक्स कई प्रकार की मशीनों पर स्थापित (install) किया जा सकता है और उसके सॉफ्टवेयर को फिर से कॉन्फ़िगर (Configure) करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
लाइनक्स की कमियाँ
लाइनक्स की उपयोग उपरोक्त विशेषताओं के अतिरिक्त उसमें कुछ कमियां भी हैं। ऐसी कुछ कमियां निम्न प्रकार हैं
- इसकी प्रमुख कमी यह है कि इस पर कार्य करना बहुत कठिन है। इसमें सभी आदेशों को उनके प्रारूप (Syntax) सहित याद रखना पड़ता है।
- इसमें कोई सॉफ्टवेयर (install) करना या उसे हटाना भी बहुत कठिन होता है।
- लाइनक्स में नया हार्डवेयर जोड़ना भी कठिन है क्योंकि इसमें नया हार्डवेयर जोड़ने के लिये ड्राइवर हार्डवेयर निर्माता को भी तैयार करना पड़ता है।
- लाइनक्स के लिए उपलब्ध विभिन्न सॉफ्टवेयरो की सूचना सामान्य उपयोगकर्ता को न होने के कारण अभी इसका प्रयोग सीमित है।
- नये उपयोगकर्ता के लिए कमांड लाइन का प्रयोग सीखना क्योंकि प्वाइटिंग या क्लिकिंग के स्थान पर उपयोगकर्ता को कमाड्स याद रखनी पड़ती है।
- लाइनक्स केस सेंसिटिव (Case sensitive) है अर्थात् इसमें अंग्रेजी वर्णमाला के छोटे और बड़े अक्षरों को अलग-अलग माना जाता है इसलिए यदि गलती से किसी कमांड में छोटे अक्षर के स्थान पर बड़े अक्षर का प्रयोग कर लिया जाता है, तो कमान गलत हो जाती है।
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चेक प्वाइंट Check Point
- विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम को किसने बनाया?
- लाइनेक्स किसका दूसरा रूप है?
- लाइनेक्स का कौन-सा वर्जन सबसे ज्यादा प्रचलित है?
लाइनेक्स का स्ट्रक्चर FIGURE BANANA HAI
लाइनक्स का स्ट्रक्चर निम्न अवयवों को सम्मिलित करता है
(i) हार्डवेयर (Hardware) हार्डवेयर सभी पेरीफेरल डिवाइसेज (Peripheral devices) को शामिल करता है; जैसे RAM/HDD/CPU आदि। लाइनक्स की कमांड्स को रन करने के लिए कर्नेल को हार्डवेयर की आवश्यकता होती है। (ii) कर्नेल (Kernel) यह लाइनक्स का मुख्य भाग होता है जो हार्डवेयर के साथ सीधी संपर्क में रहता है। अपर लेयर कॉम्पोनेंट्स को लो लेवल सर्विस (Low Level Service) प्रदान करता है। यह लाइनेक्स के अन्य प्रोग्राम को चलता है और कंप्यूटर के सभी हार्डवेयर; जैसे- प्रिंटर एवं डिस्क को व्यवस्थित करता है।
(iii) शैल (Shell) यह एक ऐसा प्रोग्राम है, जिससे यूजर सीधे संपर्क में आता है। शैल, यूजर द्वारा दिए गए कमान्ड को कर्नेल तक पहुंचाता है। शैल एक कमान्ड इंटरप्रेटर का कार्य करता है।
(iv) यूज़र (User) यूज़र वह होता है जो कम्प्यूटर या नेटवर्क सेवाओं का प्रयोग करता है।
लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में उपयोगकर्ताओं की कई श्रेणियाँ होती हैं, जिसके अनुसार उन्हें विभिन्न कार्य करने और फाइलों तक पहुँचने का अधिकार मिलता है। लाइनक्स उपयोगकर्ताओं की श्रेणियाँ निम्न प्रकार हैं
(a) सिस्टम प्रशासक (System Administrator) सिस्टम प्रशासक का मुख्य दायित्व सिस्टम को सुचारु रूप से चलाना होता है। सिस्टम प्रशासक कम्प्यूटर को सर्वर की भाँति चलाता है। वह उपयोगकर्ता और उपयोगकर्ताओं का समूह भी बनाता है और उन्हें पासवर्ड प्रदान करता है। किसी अनापेक्षित दुर्घटना के कारण डेटा को नष्ट होने से बचाने के लिए भी वह निश्चित समय अन्तरालों पर डेटा का बैकअप भी लेता है। सिस्टम प्रशासक को लाइनक्स सिस्टम में सभी अधिकार प्राप्त होते हैं।
(b) फाइल ओनर (File Owner) यह किसी फाइल का वह उपयोगकर्ता होता है, जो उस फाइल को बनाता है। वह अपनी फाइल. पर कोई भी क्रिया कर सकता है; जैसे- उसकी कॉपी करना, उसे मॉडिफाई या उसको हटा देना आदि।
(c) ग्रुप ओनर (Group Owner) अधिकतर कुछ उपयोगकर्ता किसी एक प्रोजेक्ट पर एक साथ कार्य करते हैं। उनको सम्मिलित रूप में उपयोगकर्ता समूह कहा जाता है। ऐसे समूह का प्रत्येक उपयोगकर्ता अपनी फाइलों का ओनर (Owner) होता है, लेकिन वह उस समूह के अन्य उपयोगकर्ताओं की फाइलों तक भी पहुँच सकता है। इस समूह का एक उपयोगकर्ता उस समूह का ओनर (Group Owner) बनाया जाता है। वह समूह के सभी उपयोगकर्ताओं की सभी फाइलों तक पहुँच सकता है और उन फाइलों का आवश्यकतानुसार उपयोग कर सकता है।
(d) अन्य उपयोगकर्ता (Other Users) जो उपयोगकर्ता किसी समूह में शामिल नहीं होते और अपने आप में स्वतन्त्र होते हैं, उन्हें अन्य उपयोगकर्ता कहा जाता है। वे अपनी बनाई हुई फाइलों के ओनर होते हैं, परन्तु अन्य उपयोगकर्ताओं की फाइलों तक नहीं पहुँच सकते।
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