प्रिय छात्रो आज का पोस्ट file system in linux ( लाइनक्स में फाइल सिस्टम ) का है यह कम्पूटर में बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक है। लाइनक्स में कम्पूटर पर स्टोर की गई सभी सूचना को व्यवस्थित करने के लिए फाइल का प्रयोग किया जाता है। इसमें फाइल्स या डायरेक्ट्रियों की व्यवस्था करने के लिए जो प्रोग्राम बनाए जाते हैं। अगर किसी सब्जेक्ट के बारे में और भी जानकारी लेना हो तो Pdfmandi.com को सर्च करे। सभी सब्जेक्ट उपलब्ध है।
file system in linux ( लाइनक्स में फाइल सिस्टम )
लाइनक्स में कम्प्यूटर पर स्टोर की गई समस्त सूचनाओं को फाइलों में व्यवस्थित करके रखा जाता है। फाइलों या डायरेक्ट्रियों की व्यवस्थित करके रखा जाता है। उन्हे फाइल मैनेजर कहा जाता है। फाइलों को डायरेक्ट्रियों में Hierarchy के अनुसार व्यवस्थित किया जाता है।
डायरेक्ट्री
डायरेक्ट्री कम्प्यूटर पर फाइलों को संग्रहीत करने के लिए एक स्थान है। किसी डायरेक्ट्री में फाइलें तथा अन्य डायरेक्ट्रियों हो सकती हैं, जिन्हें उप डायरेक्ट्री कहा जाता है। इस प्रकार एक डायरेक्ट्री के अन्दर जिन्हें उप- डायरेक्ट्रियाँ स्टोर करते हुए किसी भी उप- डायरेक्ट्री तक जा सकते है।
सबसें ऊपर की डायरेक्ट्री को रूट डायरेक्ट्री कहा जाता है। इसका कोई नाम नहीं होता, इसे एक स्लैश ( / ) से व्यक्ति किया जाता है। अन्य सभी डायरेक्ट्रीयों और फाइलों के नाम रखे जाते हैं। सभी फाइलें और डायरेक्ट्री से जुड़ी होती हैं।
रूट डायरेक्ट्री से किसी एक फाइल से अतिरिक्त फाइल्स तक पहुँचने में जिन – जिन डायरेक्ट्रियों से होकर जाना पड़ता हैष उन सबकी सूची को उस फाइल का पाथ कहते हैं, जिन्हें स्लैश ( / ) से अलग किया जाता है।
रूट डायरेक्ट्री ( Root Directory )
रूट डायरेक्ट्री वह डायरेक्ट्री होती है, जिसमें अन्य सभी डायरेक्ट्रियाँ शामिल होती है। इसे हॉम डायरेक्ट्री भी कहा जाता है। रूट डायरेक्ट्रियाँ को फॉरवर्ड स्लैश ( / ) से प्रदर्शित किया जाता है।
उप – डायरेक्ट्री ( Sub- directory )
वह डायरेक्ट्री जो अन्य डायरेक्ट्री के अन्तर्गत स्थित होती है, उप- डायरेक्ट्री कहलाती है। रूट डायरेक्ट्री को कई उप – डायरेक्ट्रियों में विभाजित किया जाता है, इन सभी डायरेक्ट्रियों में अलग – अलग प्रकार की विशेष फाइलें या डायरेक्ट्री होती है। इनका संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित हैं।
-
/bin डायरेक्ट्री
इस डायरेक्ट्री में लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में उपलब्ध आदेशों या यूटिलिटीज को स्टोर किया जाता है। जैसे – CP, Cat, Pwd, Is, Sort, date, chmod आदि। ये सभी आदेश या यूटिलिटीज बाइनरी फॉर्मेट में होते हैं इसलिए इनकों bin डायरेक्ट्री में रखा जाता है।
2. / dev डायरेक्ट्री
इस डायरेक्ट्री में सिस्टम के सभी उपकरणों से सम्बन्धी फाइलों को रखा जाता है। इन उपकरणों में हार्ड डिस्क ( HD),रैम ( RAM ) आदि शामिल होते है। उपयोगकर्ता डिवाइस फाइलों के द्वारा इन साधनों का सीधे उपयोग कर सकता है।
3. /etc डायरेक्ट्री
इस डायरेक्ट्री में सिस्टम के कॉन्फिगरेशन आदि से सम्बन्धित फाइलों को स्टोर किया जाता है, जैसे पासवर्ड फाइल। ये फाइले सिस्टम पर सुचारू रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक होती है।
4. /lib डायरेक्ट्री
इस डायरेक्ट्री में ऐसे छोटे – छोटे प्रोग्रामों को रखा जाता है, जिनकी आवश्यकता कम्पाइलर को होती है। इसे लाइब्रेरी कहा जाता है।
5. /home डायरेक्ट्री
इस डायरेक्ट्री में प्रायः सभी उपगकर्ताओं की होम या प्रमुख डायरेक्ट्रियों को रखा जाता है।
6./ ददू डायरेक्ट्री
इस डायरेक्ट्री में लाइनक्स के कर्नेल तथा बूट लोडर कॉन्फिगरेशन फाइले होती है, जिनकी आवश्यकता सिस्टम को बूट करते समय होती है।
7. /usr डायरेक्ट्री
इस डायरेक्ट्री में लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम की उन फाइलों को रखा जाता है जो बूट करते समय आवश्यक नहीं होती हैं। इसमें यूटिलिटीज को भी रखा जाता है जो बूट करते समय आवश्यक नहीं होतीं है। इसमें यूटिलिटीज को भी रखा जा सकता है।
8. /var डायरेक्ट्री
इस जायरेक्ट्री में ऐसी सूचनाओं को रखा जाता है, जो विभिन्न यूटिलिटीज के लिए विशेष रूप से आवश्यक होती हैं।
लाइनक्स में फाइल्स के प्रकार
लाइनक्स में प्रत्येक प्रकार की सूचना को फाइल माना जाता है और उसे उसी रूप में प्रयोग किया जाता है। फाइलों को समान्य रूप से तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है, जो निम्नलिखित हैं।
1.साधारण फाइलें ( Ordinary Files )
ये वे फाइलें होती हैं जो उपयोगकर्ता द्वारा बनाई जाती हैं, जैसे- डाटा फाइल, प्रोग्राम फाइल, ऑब्जेक्ट फाइल तथा सभी प्रकार की एक्जीक्यूटेबल योग्य फाइल को उपयोगकर्ता इन फाइल को अपनी सुविधा के अनुसार बदल सकता है।
2. डायरेक्ट्री फाइलें ( Directory Files )
जब उपयोगकर्ता कोई डायरेक्ट्री बनाता है, तो लाइनक्स एक डायरेक्ट्री फाइल बना देता है, जिसमें उस डायरेक्ट्री फाइल को उपयोगकर्ता द्वारा एडिट नही किया जा सकता, लेकिन जब भी उस डायरेक्ट्री बनाई जाती है, तो लाइनक्स स्वतः ही उस डायरेक्ट्री फाइल को मॉडिफाई कर देता है।
3. विशेष फाइलें ( Special Files )
ये वे फाइलें होती हैं जो इनपुट/ आउटपुट उपकरणों से सम्बधित होती हैं और स्टैण्डर्ड लाइनक्स डायरेक्ट्रीयों जैसे – /dev तथा /etc में शामिल होती हैं। वास्तव में अधिकांश सिस्टम फाइलें विशेष फाइलें होती है। उपयोगकर्ता इन्हें मॉडिफाई नहीं कर सकते।
फाइल्स के नाम
लाइल्स फाइल का नाम रखने से पूर्व निम्नलिखित बातों का ध्यान रखान आवश्यक है
(1) किसी भी फाइल का नाम अधिकतम 255 कैरेक्टर्स तक रखा जा सकता है।
(2) फाइल के नाम में स्पेस नहीं होना चाहिए। इसके मध्य़ डॉट (.) अथवा अण्डरस्कोर ( – ) का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण सही नाम – Rahul. Kumar , गलत नाम Rahul Kumar
(3) फाइलों के नाम केस सेन्सिटिव होते हैं अर्थात् अपरकेस तथा लोअरकेस में अन्तर होता है।
(4) ऐसी फाइलें जो डॉट(.) से आरम्भ होती हैं, एक्सटेंशन‘ hidden file’ कहलाती है।
(5) फाइल के नाम के साथ जुड़े अन्तिम 3 कैरेक्टर्स एक्सटेंशन कहलाते हैं। ये फाइल का प्रकार प्रदर्शित करते है।
कुछ फाइल एक्सटेंशन निम्न प्रकार हैं।
.aif | AIF ऑडियो फाइल |
.arj | कम्पैस फाइल |
.avi | विण्डोज AVI वीडियो फाइल |
.bin | बैच फाइल |
.bat | बिटमैप इमेज फाइल |
.bmp | कॉमन गेटवे इण्टरफेस स्क्रिप्ट |
.bak | CD ऑडियो ट्रेक फाइल |
.c | करैक्टर मैप |
.cf/ .cfg/.cong/.confg | डाटा फाइल |
.cgi | डॉक्यूमेण्ट फाइल |
फाइल एक्सेस अनुमति
लाइनक्स में किसी फाइल को विभिन्न प्रकार से एक्सेस करने की अनुमति दी जाती है। इन अनुमतियों को यूजर सुविधा के अनुसार बदल सकता है। अनुमतियों के तीन स्तर होते हैं- फाइल ओनर, ग्रूप ओनर तथा अन्य उपयोगकर्ता इन तीनों स्तरों की अनुमतियाँ भी तीन प्रकार की होती है, जो निम्न सारणी में दिखाई गई है।
उपयोग के प्रकार चिन्ह | फाइल के लिए | डायरेक्ट्री के लिए |
पढ़ना ( Read) r | फाइल को देखने, कॉपी करने तथा कम्पाइल करने की अनुमति | डायरेक्ट्री के कन्टेन्ट ( Content) की सूची देखने की अनुमति |
लिखना ( Write) w | फाइल को मॉडिफाई करने, नाम बदलने या अन्य स्थान पर ले जाने की अनुमति | डायरेक्ट्री में नई फाइलें या उप- डायरेक्ट्रियाँ बनाने की अनुमति |
एक्जीक्यूट ( Execute) x | फाइल को एक्जिक्यूट कराने की अनुमति | उप- डायरेक्ट्री में आने की अनुमति |
किसी फाइल या डायरेक्ट्री से जुड़ी हुई फाइल की एक्सेस अनुमतियों को Is आदेश के साथ – 1 स्विच देकर देखा जा सकता है। किसी फाइल की उपोयग अनुमति में 10 चिन्ह होते हैं।
उदाहरण, मान लीजिए कि एक फाइल की फाइल एक्सेस अनुमति निम्न प्रकार है
– rwxrwxr-x
इसमेें पहला चिन्ह फाइल का प्रकार बताता है। िसके लिए निम्नलिखित चिन्ह होते है।
- साधारण फाइल ( Ordinary File )
- डायरेक्ट्री ( Directory )
- ब्लॉक डिवाइस फाइल ( Block Device File)
- कैरेक्टर डिवाइस फाइल ( Character Device File)
- हार्ड लिंक फाइल ( Herd Link File )
- सिम्बोलिक लिंक फाइल ( Symbolic Link File)
शेष 9 चिन्हों को 3-3 चिह्रों के 3 समूहों में बाँटा जाता है, जो क्रमशः फाइल ओनर के लिए, ग्रुप ओनर के लिए और अन्य उपयोगकर्ताओं के लिए अनुमति को व्यक्त करते है। प्रत्येक समूह क्रमशः पढ़ने, लिखने और एक्जिक्यूट करने की अनुमति दिखाता है। यदि वह अनुमति उपलब्ध है, तो उसे