What Is The X Window System
X Window System :- यह एक ओपन सोर्स, क्रॉस प्लेटफार्म, क्लाइण्ट- सर्वर कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर सिस्टम है जो डिस्ट्रीब्यूटेड नेटवर्क एन्वायरमेण्ट में GUI प्रदान करता हैं। मुख्क रुप से यूनिक्स में उपयोग किए जाने वाले, X वर्जन अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए भी उपलब्ध हैं। X Window System की विशेषताओं में नेटवर्क पारदर्शिता (Network Transparency), विभिन्न नेटवर्क से लिंक करने की क्षमता और अनुकूलन योग्य ग्राफिकल क्षमताएँ शामिल है। X Window System को पहली बार 1984 में प्रोजेक्ट एथेना (Athena) के भाग के रुप में विकसित किया था जो स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और MIT के बीच एक सहयोग (Collaboration) हैं।
X. Org Foundation एक ओपन ग्रुप है जो X Window System के विकास और मानकीकरण का प्रबन्धन करता हैं।
X Window System को X,X11 या X विण्डोज के नाम से भी जाना जाता हैं।
यह एप्लीकेशन को नेटवर्क सर्वर पर चलाने की अनुमति देता हैं लेकिन डेस्कटॉप पर प्रदर्शित किया जाता हैं। यह 1980 और 1990 के दशक में बहुत महत्त्वपूर्ण था, जब सर्वर उपयोगकर्ता मशीन की तुलना में अधिक शक्तिशाली थे। X के शुरूआती दिनों में, समर्पित X विण्डो हार्डवेयर (जिसे X ट्रमिनल के रुप में जाना जाता हैं) का व्यापक रुप उपयोग किया गया था।
How Many Types Of X Window System
X Window System को दो भागों में बाटा गया हैं–
- X सर्वर X server
- X क्लाइण्ट X client
X सर्वर X server
यह डिस्पले और इनपुट हार्डवेयर को मैनेज करता हैं। यह इनपुट हार्डवेयर से कमाण्ड आधारित औऱ ग्राफिक्स आधारित इनपुट को कैप्चर (Capture) करता हैं और उसे रिक्वेस्ट (Request) करने वाले क्लाइण्ट एप्लीकेशन को भेज देता हैं। यह क्लाइण्ट एप्लीकेशन से इनपुट भी प्राप्त करता हैं और विण्डोज मैनेजर के निर्देशन (Guidance) में आउटपुट प्रदर्शित करता हैं। हार्डवेयर के साथ इण्टरैक्ट करने वाला एकमात्र कम्पोनेण्ट X सर्वर हैं।
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X क्लाइण्ट X client
ये ऐसे एप्लीकेशन प्रोग्राम है जो GUI पर आधारित X सर्वर से सहायता लेते है तथा इन प्रग्रामों के द्वारा यूजर अपने कार्य को क्रियान्वित (Executive) करता हैं। यह X प्रोटोकॉल का उपयोग करके X सर्वर के साथ संचार करता हैं। Xterm, Xclock और Xcale, X क्लाइण्ट के उदाहरण है। X अपनी विण्डो को हाहरारकिकल स्ट्रक्चर (Hierarical structure) में प्रवन्धित करता हैं। X विण्डो सिस्टम के ग्राफिकल यूजर इण्टरफेस (GUI) की प्रमुख विशेषताएँ निम्न है–
- फ्लोक्सिबल
- पोर्टेबल
- नेटवर्क ट्रांसपैरेन्सी
How to start X Window
X विण्डो को स्टार्ट करने के दो तरीके है– पहला इसे डिस्पले मैनेजर (जैसे xdm) की सहायता से स्टार्ट कर सकता हैं। लॉगइन करने के बाद इसमे मैनअली कमाण्ड दी जाती है। इसके लिए दो कमाण्ड्स होती हैं।
- xinit
- startx
जहाँ xinit एक प्रकार का प्रोग्राम एवं startx एक प्रकार की शैल स्क्रिप्ट हैं। उपरोक्त कमाण्ड्स में xinit कमाण्ड X सर्वर को बिना किसी आर्ग्युमेण्ट केआरम्भ कर देती हैं। X सर्वर सिस्टम को आरम्भ करने पर यह निम्न स्टेप में अपने आन्तरिक क्रियाविधि (Internal Mechanism) को पूरा करता हैं
- यहाँ /user/bin/X11 प्रोग्राम को क्रियान्वित (Execute) करता हैं।
- .xinitrc यूजर की होम डायरेक्ट्री में उपस्थित होती हैं, जिसमें लिखें गए प्रोग्राम्स को यह क्रियान्वित करता हैं।
- जब यूजर X सर्वर को लॉन्च करता हैं तो .xintirc फाइल उन प्रोग्राम्स की सूची प्रदर्शित करता हैं जिनसे यूजर अपनी आवश्यकतानुसार प्रोग्राम सिलेक्ट कर सकता हैं।
- इसके अन्तर्गत निम्न पद (Terms) शामिल होते हैं।
- ग्राफिकल ब्लॉक
- एक xterm
- विण्डो मैनेजर
startx कमाण्ड के साथ भी X विण्डो को आरम्भ करने पर यह आन्तरिक रुप से xinit कमाण्ड को ही क्रियान्वित करता हैं।
startx कमाण्ड को प्रयोग PC आधारित X विण्डो जैसे XFree 86 को आरम्भ करने के लिए किया जाता हैं।