What is the Modulation and De- modulation
What is The Modulation and De- modulation :- आजकल अधिक दूरी के लिए सूचनाओं क संचार में टेलीफोन लाइनों का प्रयोग किया जाता है, इसका प्रमुख कारण यह है कि यह एक सस्ता एवं सुगम माध्यम है। टेलीफोन लाइनों के द्वारा एनालॉग सिग्नल का ट्रांसमिशन किया जाता है, जबकि कम्प्यूटरों के अनुकूल नहीं होते है। सूचनाओं का संचार टेलीफोन लाइनों के द्वारा किया जा रहा है, अतः यदि डिजिटल सिग्नल को एनालॉग ट्रांसमिशन माध्यम द्वारा भेजा जाना हो तो उसे सर्वप्रथम उसे एनालॉग में परिवर्तित करना आवश्यक हो जाता है।
इस प्रकार इससे विपरित क्रिया (एनालॉग का डिजिटल में परिवर्तन) करने के लिए डि- माड्यूलेशन तकनीक का प्रयोग किया जाता हैं अर्थात् डिजिटल सिग्नल का एनालॉग में परिवर्तन होना माड्यूलेशन (The Modulation) तथा एनालॉग सिग्नल का डिजिटल सिग्नल में परिवर्तन होना डि- माड्यूलेशन कहलमाता है।
How Many Types Of The Modulation
प्रत्येक एनालॉग सिग्नल /वेव को मुख्यतः तीन प्रमुख प्रकारों द्वारा व्यक्त किया जाता है –
- आयाम माड्यूलेशन Amplitude Modulation : AM
- आवृत्ति माड्यूलेशन Frequency Modulation : FM
- रवा माड्यूलेशन Phase Modulation : PM
आयाम माड्यूलेशन Amplitude The Modulation : AM
किसी सिग्नल का Amplitude किसी बिन्दु पर इसका मान होता है, तरंग के किसी बिन्दु से क्षैतिज अक्ष तक की ऊर्ध्वाधर दूरी को Amplitude कहा जाता है। इस माड्यूलेशन तकनीक में डिजिटल आंकड़ों के दोनों बाइनरी मानों को चालक (Conductor) सिग्नल के दो विभिन्न आयोमों द्वारा प्रदर्शित किरया जाता है। सिग्नल की आवृत्ति तथा कला Phase को स्थिर रखा जाता हैं। ध्वनि के लिए प्रयुक्त सिग्नलों में प्रायः इसी तकनीक का प्रयोग किया जाता हैं।
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आवृत्ति माड्यूलेशन Frequency Modulation : FM
इसका तात्पर्य एक सेक्ण्ड में पूरे हुए पीरियडों (Periods) से है। इस तकनीक में सिग्नलों की आवृत्ति में परिवर्तनको ‘0’ तथा ‘1’ द्वारा प्रदर्शित किया गया है। इसके अन्तर्गत आयाम तथा कला नियम होते हैं, जबकि आवृत्ति परवर्तित होती रहती है। किसी सिन्नल की आवृत्ति (Frequency) को हम Number of Cycle/ Sec के रुप में व्यक्त करते हैं। एक सेकण्ड में चार पीरियड हैं अतः Frequency 4 Period ka सेकण्ड में व्यक्त किया जाता हैं।
कला माड्यूलेशन Phase Modulation :PM
यह किसी तरंग (Waveform) के समय को सापेक्ष स्थिति में दर्शाती है। इसे डिग्री या Radian में मापा जाता है। इस तकनीक में डिजिटल आकंड़ो के जो बाइनरी मानों को चालक (Conductor) सिग्नल की कला (Phase) के अंतर्गत दो विभिन्न विस्थापनों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। (360 degree = 2 radian)
यदि हम किसी तरंग को बाऐं या दाऐं खिसकाते हैं तो Phase उस विस्थापन की मात्रा को व्यक्त करता हैं।