Structure of Linux Operating System
Structure of Linux Operating System :- लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम CUI (Character User Interface) तथा GUI (Graphical User Interface) दोनों प्रकार के गुणों को इंटरफेस की सुविधा प्रदान करती हैं। एक ओर जहाँ हम कमाण्ड लाइन द्वारा इसे परिचालित करते हैं वहीं दूसरी ओर इसे Windows की तरह विभिन्न प्रकार के आइकॉन तथा मैन्यू की सहायता से भी परिचालित कर सकते हैं। लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम Structure of Linux Operating System में उपरोक्त प्रकार की सुविधाओं को उपवब्ध कराने में इसके कई महत्तवपूर्ण तत्व शामिल हैं, इशे संचालित करने में योगदान देते हैं। जिसके अन्तर्गत इसका मूल भाग लाइनक्स कर्नल तथा दूसरा भाग शैल होता हैं जो DOS के Command.com के समतुल्य कार्य करता हैं।
There are two types of Structure of Linux Operating System
- Kernel (कर्नेल)
- Shell (शैल)
कर्नेल (Kernel)
यह ऑपरेटिंग सिस्टम का वह भाग है जो हार्डवेयर व शैल के मध्य उपस्थित रहता हैं। इस भाग में आपरेटिंग सिस्टम का मुख्य बूट लोडर प्रोग्राम, कंट्रोल प्रोग्राम तता कुछ महत्वपूर्ण आन्तरिक निर्देश होते हैं। यह साधारणतः कम्प्यूटर के ROM में उपस्थित रहता हैं। और सिस्टम के चालू ही RAM में आ जाता हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा किये जाने वाले सुरक्षा प्रबन्ध- संसाधनों (जैसे मैमोरी) के वितरण तथा प्रोग्राम का क्रियान्वयन इसी भाग के द्वारा संचालित किया जाता हैं। इसका मुख्य कार्य कम्प्यूटर की मैमोरी औऱ सॉफ्टवेयर निर्देश को मैमोरी में भेजना अर्थात् निर्धारित करना होता हैं।
Related Post :- Difference Between LAN and WAN
शैल (Shell)
यह ऑपरेटिंग सिस्टम का वह भाग है जो प्रोयगकर्ता को बाह्म परिवेश में इन्टरफेस प्नदान करने की सुविधा देता हैं। इसका मुख्य कार्य प्रयोगकर्ता द्वारा दिए गए निर्देश को परिभाषित कर उस स्वरुप में निर्देश को निर्मित करना होता हैं जिसे कर्नल आसानी से पढ़ सके। Shell प्रयोगकर्ता और कर्नल के मध्य सम्बध स्थापित अर्थात् Interface करने का कार्य करता हैं। इस भाग की सहायता से ही प्रयोगकर्ता किसी बाह्म कमाण्ड को रन करा सकता हैं। इसमें स्पष्ट है कि शैल का मुख्य कार्य प्रयोगकर्ताओं के निर्देश को अनुवादित कर कर्नल तक पहुँचाना होता हैं। वास्तव में यह भाग कर्नल तथा प्रयोगकर्ता के मध्य की परत में होता हैं।
शैल में सभी सर्विस तथा कंट्रोल प्रोग्राम होते हैं जिसमें कम्पाइलर, इंटरप्रेटर, एडिटर इत्यादि प्रमुख हैं।